सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मार्च, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

तुम्हारा मिलना...🍁

तुम्हारा मुझसे मिलना, मृत्यु सा सुखदायी था  जहाँ सभी दुख तजे जाते हैं, जहाँ परमात्मा की आस होती है, जहाँ नश्वरता को त्याग कर  अमरता की राह मिलती है  तुम मुझे तभी मिली  जब मैं सिर्फ  तुम्हारा होना चाहता था । © ANKESH VERMA

असीमित इच्छाएं ...🍁

तुम्हारे अविश्वास की कालकोठरी में मैं अनहोनी को होनी मानता था तुम्हारा होना सावन का आभासी था मैं तुमसे मिलकर, अपना सर्वस्व खोना चाहता था ठीक उसी भांति, जैसे ओस की बूंद सूखकर खो देती है अपना स्वरूप पुनः सृष्टि के निर्माण को । © ANKESH VERMA