दिल दुखाने का एक ये बहाना हुआ
छोड़ो वैसे भी ये रिश्ता पुराना हुआ
छोड़ो वैसे भी ये रिश्ता पुराना हुआ
मिलके मुझसे,उसे क्या लगा,क्या पता
उसको देखा तो मैं तो दीवाना हुआ
उसको देखा तो मैं तो दीवाना हुआ
चाँद टूटे न टूटे खबर न हुई
पा के संगत हाँ मौसम सुहाना हुआ
पा के संगत हाँ मौसम सुहाना हुआ
रुख़्सतें उसकी सीने में चुभती हैं यूँ
चंद लम्हों में खुद को गंवाना हुआ
चंद लम्हों में खुद को गंवाना हुआ
कुछ किस्से सिमट कर दफन हो गए
जलते दीपक को जैसे बुझाना हुआ..।
जलते दीपक को जैसे बुझाना हुआ..।
© Ankesh Verma