लम्हा-लम्हा ये किस्सा भी बिखर जाएगा
बिछड़कर मुझसे ये बता तू किधर जाएगा
बिछड़कर मुझसे ये बता तू किधर जाएगा
नशीली रात की ठिठोली से हो जुदा
ग़मों की कोठरी होगी तू जिधर जाएगा
ग़मों की कोठरी होगी तू जिधर जाएगा
ये नए दोस्त का चस्का अभी नया-नया है
पुराना होते ही ये ख़ुमार भी उतर जाएगा
पुराना होते ही ये ख़ुमार भी उतर जाएगा
रोज-रोज दर बदलना ठीक नही होता
देखना किसी रोज तेरा भी दिल भर जाएगा
देखना किसी रोज तेरा भी दिल भर जाएगा
बिछड़ना तुमसे आसां नही है जबकि
पता है मेरे कहने पर तू ठहर जाएगा
पता है मेरे कहने पर तू ठहर जाएगा
है मालूम मुझे रिश्तों के कड़वाहट की सरसता
यकीं कर मेरा ये खुद ब खुद सुधर जाएगा..।
यकीं कर मेरा ये खुद ब खुद सुधर जाएगा..।
© Ankesh Verma