कभी बँटवारे
तो कभी घर के
भीतरी दीवारों का द्वन्द
कभी अपनी अवहेलना
तो कभी पिता की तानाशाही से
कभी माँ के साथ को
अथवा बहन के भीगे नयनों से
या अपनी सत्ता स्थापित करने को
कई बार खुद से भी
बिगड़ते हैं रिश्ते
बच्चे जब बड़े हो जाते है
घर मे कई घर हो जाते हैं..!
- अंकेश वर्मा