मनुष्य का मरना नही है उतना भयावह
जितना हौसलों का मरना
विश्व पटल पर
मैं तौलता हूँ राजनेताओं को
उनकी इस काबिलियत से
कि किसने दी है
वंचितों के हौसलों को उड़ान
और किसने दफ्न किया है
उनके भ्रूण रूपी स्वप्न को
किसने बनाई हैं संभावनायें
और कौन है मानवता को
निगलने की फिराक में
ये वो पैमाना है
जो मुझे काबिल बनाता है
लोगों को और राजनीति को
तुलनात्मक नजरिये से परखने में
इन प्रक्रियाओं के विश्लेषण में
मुझे सिद्धान्तों की आवश्यकता नही होती
और मैं मनुष्यता को धारण करता हूँ..।
- अंकेश वर्मा
जितना हौसलों का मरना
विश्व पटल पर
मैं तौलता हूँ राजनेताओं को
उनकी इस काबिलियत से
कि किसने दी है
वंचितों के हौसलों को उड़ान
और किसने दफ्न किया है
उनके भ्रूण रूपी स्वप्न को
किसने बनाई हैं संभावनायें
और कौन है मानवता को
निगलने की फिराक में
ये वो पैमाना है
जो मुझे काबिल बनाता है
लोगों को और राजनीति को
तुलनात्मक नजरिये से परखने में
इन प्रक्रियाओं के विश्लेषण में
मुझे सिद्धान्तों की आवश्यकता नही होती
और मैं मनुष्यता को धारण करता हूँ..।
- अंकेश वर्मा