अमीर लोग नही करते भगवान की चिंता
न ही उन्हें फिक्र है कयामत के दिनों की
वे भगवान से न्याय की उम्मीद भी नही करते
उन्हें बस फिक्र सताती है अपने पैसों की
अपने ठिगने कद और ऊंची नाक की
और थोड़ी सी परिवार की भी
पर गरीब के पास कुछ नही होता
वो पड़ा रहता है परिवार की चिंता में
दुखी होता है समाज के दुखों से
उसे भिखारी रुलाते हैं
वो बेहतर समझता है
बीमारी से इतर मर जाना
रोकती हैं ये चीजें उसे अमीर बनने से
और भगवान भी उसे बहुत डराते हैं..।
-अंकेश वर्मा