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बचपन तुम बेवफ़ा थे क्या..?

तुम जब से हमें छोड़ कर गए हो...
वो दिन हमे हरपल याद आते हैं
जो हमने संग संग बिताए थे..।।

कुछ याद है तुम्हें..??

हम बारिश में छत से गिरते
गंदे पानी से नहाते और
मिट्टी में सराबोर हो जाते
पापा की मार से बचने के लिए
चाची के पीछे छिप जाते थे
आम बीनने के लिए तो 
कोसों दूर हो आते थे
इमली के चक्कर में
उस धोबी ने कितनी गाली दी थी

कुछ भी नही याद है क्या..??

छोटे मेंढकों को सूइयों से 
मोटा कर देते थे
वो तीरी के पीछे 
खेतों के  सैकड़ो चक्कर लगाए हैं
वो कंचो की खनखनाहट भी
जो मुझे सिक्को से ज्यादा प्यारी थी
नदी में नहाने के लिए 
भैंस को नहलाने का बहाना था

अब भी याद नही आया..??

वो धान के फूस में भैया संग सोना
रात रास्ते में डरना,भूत की कहानी बनाना
स्कूल न जाकर रास्ते में बेर का पेड़ ढूढना

उस मीठे और शांत उपवन में 
मेरे संगी होने के बजाय
तुम मुझे छोड़ कर क्यों चले गए थे..

बचपन….

तुम बेवफ़ा थे क्या..??

                           - अंकेश वर्मा

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