हो की बरखा जानलेवा
या पवन हो मौत लाई
तेज लहर पर बैठ संग-संग
हो अभागन साथ आई
हम सभी ही एक रंग के
बन ध्वजा लहराएंगे
हम प्रेम गीत गाएंगे
हों की बिगड़े बोल सबके
या सियासत बोझ डाले
तार दे सब दुखी जनों को
या दिखाए स्वप्न काले
पीड़ितों के हम बसंत
बन धुरी इतराएंगे
हम प्रेम गीत गाएंगे
बांध दें जंजीर सबको
या जला दें बस्तियां
रोक दें सब मार्ग अपने
रोक दें सब कस्तियाँ
डूबते सांसों में हम मिल
पल दो पल मुस्काएंगे
हम प्रेम गीत गाएंगे
स्याह काली रात में भी
नव-उन्माद लाएंगे
हम प्रेम गीत गाएंगे
हम प्रेम गीत गाएंगे..।
-अंकेश वर्मा
या पवन हो मौत लाई
तेज लहर पर बैठ संग-संग
हो अभागन साथ आई
हम सभी ही एक रंग के
बन ध्वजा लहराएंगे
हम प्रेम गीत गाएंगे
हों की बिगड़े बोल सबके
या सियासत बोझ डाले
तार दे सब दुखी जनों को
या दिखाए स्वप्न काले
पीड़ितों के हम बसंत
बन धुरी इतराएंगे
हम प्रेम गीत गाएंगे
बांध दें जंजीर सबको
या जला दें बस्तियां
रोक दें सब मार्ग अपने
रोक दें सब कस्तियाँ
डूबते सांसों में हम मिल
पल दो पल मुस्काएंगे
हम प्रेम गीत गाएंगे
स्याह काली रात में भी
नव-उन्माद लाएंगे
हम प्रेम गीत गाएंगे
हम प्रेम गीत गाएंगे..।
-अंकेश वर्मा