तुम्हारी ख़ामोशी
तुम्हें तबाह करेगी
तुम जितना दबोगे
दबाए जाओगे
झुकोगे
तो वो और झुकायेंगे
अभी तुममे सामर्थ्य है
तुम लड़ सकते हो
अपनी गठीली भुजाओं से
अपनी मजबूत इक्षाशक्ति से
हथियार बना सकते हो
खुद को
और उनके अन्याय को
उखाड़ फेंक सकते हो
याद रखना
गर ये नही किया
तो आने वाली नस्लें
सवाल पूछेंगी तुमसे
कि तुमने उनके लिए
वो क्यों नही किया..?
जब तुम कर सकते थे..!
तब तुम अपने पिता को
कोसोगे..
कि उन्होंने तुम्हें
बेहतर संसार क्यों नही दिया..?
- अंकेश वर्मा