अनायास ही घटती है कई घटनाएं
और बनती है जीवन की खास स्मृतियां
पर वो बनती हैं हमारा इतिहास
और बदलती है अंतिम पड़ाव के
उलझते चमकीले दिनों के भूगोल को
इसलिए मैंने अपने जीवन के
कुछ पन्ने कोरे छोड़े हैं
कुछ सपने मैंने उनके लिए बुने हैं
सोचता हूँ कि रंगीन कागज के
छोटे टुकड़ों में बांटकर
उनको अपने खाली पन्नों में भर दूँगा..।।
- अंकेश वर्मा
और बनती है जीवन की खास स्मृतियां
पर वो बनती हैं हमारा इतिहास
और बदलती है अंतिम पड़ाव के
उलझते चमकीले दिनों के भूगोल को
इसलिए मैंने अपने जीवन के
कुछ पन्ने कोरे छोड़े हैं
कुछ सपने मैंने उनके लिए बुने हैं
सोचता हूँ कि रंगीन कागज के
छोटे टुकड़ों में बांटकर
उनको अपने खाली पन्नों में भर दूँगा..।।
- अंकेश वर्मा
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