आसमान की घोर लालिमा
प्रथम पहर का रसी मनोरथ
जख्मी कर कमलों में लेकर
स्वयं आ गया ये भागीरथ
जिसके निश्छल प्रेम- सूत्र का
शीर्ष ललाट स्वयं दर्पण है
मन का फूल तुम्हे अर्पण है
चाँद सरीखा स्याह रात्रि में
भोर भरे आदित्यों के संग
कुछ सूखे पुष्पों की ढेरी
संबंधों का ये मलिन रंग
पालना के दुधमुंहे प्रेम का
साथी अब तुमको तर्पण है
मन का फूल तुम्हे अर्पण है ।
© Ankesh Verma
प्रथम पहर का रसी मनोरथ
जख्मी कर कमलों में लेकर
स्वयं आ गया ये भागीरथ
जिसके निश्छल प्रेम- सूत्र का
शीर्ष ललाट स्वयं दर्पण है
मन का फूल तुम्हे अर्पण है
चाँद सरीखा स्याह रात्रि में
भोर भरे आदित्यों के संग
कुछ सूखे पुष्पों की ढेरी
संबंधों का ये मलिन रंग
पालना के दुधमुंहे प्रेम का
साथी अब तुमको तर्पण है
मन का फूल तुम्हे अर्पण है ।
© Ankesh Verma
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