सब शिक़वे जायज़ होते हैं,
बस किस्से खाली होते हैं ।
कुछ आते खुद से भरे रंग
कुछ करते रहे उजाड़ हमें
कुछ रिश्ते खनक चूड़ियों से,
कुछ रिश्ते गाली होते हैं
सब शिक़वे जायज़ होते हैं
बस किस्से खाली होते हैं
कुछ की कीमत मधुशाला है,
कुछ का आसान हृदयातल है
कुछ होते ख़ुदा की नेमत से,
कुछ केवल प्याली होते हैं
सब शिक़वे जायज़ होते हैं
बस किस्से खाली होते हैं ।
© अंकेश वर्मा
बस किस्से खाली होते हैं ।
कुछ आते खुद से भरे रंग
कुछ करते रहे उजाड़ हमें
कुछ रिश्ते खनक चूड़ियों से,
कुछ रिश्ते गाली होते हैं
सब शिक़वे जायज़ होते हैं
बस किस्से खाली होते हैं
कुछ की कीमत मधुशाला है,
कुछ का आसान हृदयातल है
कुछ होते ख़ुदा की नेमत से,
कुछ केवल प्याली होते हैं
सब शिक़वे जायज़ होते हैं
बस किस्से खाली होते हैं ।
© अंकेश वर्मा
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